Tuesday, October 25, 2016

राष्ट्र संघ , संयुक्त राष्ट्र संघ दिवस

राष्ट्र संघ
राष्ट्र संघ प्रथम विश्व युद्ध के बाद अस्तिव में आया। वास्तव में प्रथम विश्व युद्ध ने दुनिया यह एहसास दिला दिया था कि शांति की कितनी आवश्यकता है। 10 जनवरी 1920 को औपचारिक रूप से राष्ट्र संघ की स्थापना हुयी थी।
प्ररन्तु विश्व का यह र्दुभाग्य था कि राष्ट्र संघ अपने शांति के लक्ष्य में असफल रहा और जिसका परिणाम दूसरा विश्व युद्ध था।
संयुक्त राष्ट्र संघ दिवस

विश्व जब दो-दो विश्व युद्धों की त्रासदी झेल चुका और शांति के महत्व को समझने लगा तब उसने राष्ट्रीय और अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर ऐसे प्रसाय शुरू किये जिनसे वह जीवन की आधारभूत आवश्यकताओं और दशाओं को प्राप्त कर सके । ऐसे ही प्रयासों का परिणाम संयुक्त राष्ट्र संघ है। जब विश्व ने प्रथम विश्वयुद्ध का संकट देखा तो युद्ध के समाप्त होने के बाद लींग आॅफ नेशन बना जो शांति और वैश्विक सौहार्द के लिए था । विश्व उसके महत्व को समझा न सका और लींग आॅफ नेशन की असफलता का परिणाम दूसरा विश्व युद्ध रहा । लेकिन दूसरे विश्व युद्ध की विभित्सिका ने पुरी दुनिया को शांति के महत्व को समझा दिया । जिसका परिणाम का था कि सम्पूर्ण विश्व एकमत हो गया वैश्विक संस्थाओं के महत्व और आवश्यकता को समझने मे। 24 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र संघ अस्तिव में आया । संयुक्त राष्ट्र संघ का मुख्यालयमैनहैटन टापू, न्यूयॉर्क शहर, न्यूयॉर्क राज्य, संयुक्त राज्य  में स्थित है।
संयुक्त राष्ट्र संघ चार्टर की प्रस्तावना में : ‘‘ मानव के मौलिक अधिकारों, मानव के व्यक्ति के गौरव तथा महत्व मे, तथा पुरूष एवं स्त्रियों के समान अधिकारों में‘‘ विश्वास प्रकट किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के आर्थिक और सामाजिक परिषद को मानवाधिकारों के संरक्षण का दायित्व दिया गया।
वही संयुक्त राष्ट्र संघ चार्टर के अनुच्छेद 68 के अधीन यह परिषद मानवाधिकारों के लिए आयोग का गठन कर या अन्य आयोगों को स्थापित कर सकती थी।
इस अनुच्छेद 68 को ही आधार मान कर परिषद द्वारा 12 फरवरी 1946 को एक आयोग अनुमोदित किया गया इस प्रकार 1946 में मानवाधिकार आयोग की स्थापना हुयी। चूंकि राष्ट्रों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ाना जरूरी है, अतः संयुक्त राष्ट्रों के सदस्य देशों की जनताओं के बुनियादी मानव अधिकारों, मानव व्यक्तित्व के गौरव और योग्यता में और नर-नारियों के समान अधिकारों में अपने विश्वास को अधिकार-पत्र में विस्तृत रूप से वर्णित किया जिससे अधिक व्यापक रूप से मानवीय स्वतंत्रता के अंतर्गत सामाजिक प्रगति एवं जीवन के बेहतर स्तर को ऊंचा किया जाएं और संयुक्त राष्ट्रों के सहयोग से मानव अधिकारों और बुनियादी आजादियों के प्रति सार्वभौम सम्मान की वृद्धि करने के लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य किया गया।

No comments:

Post a Comment