ज़िंदगी धुप छाव का का खेल हो गयी
ज़िंदगी धुप छाव का का खेल हो गयी
जिसमे कभी जीत और हार का मेल हो गयी
सुबह के उगते सूरज के साथ हौसलों की शुरुआत की
और शाम के डूबते सूरज ने कुछ उदासी वाली शाम दी
लेकिन तारीफ के काबिल है कुदरत जिसने ये आस दी
कल रात के बाद फिर सुबह होगी और सूरज की रौशनी से नई शुरुआत होगी
ज़िंदगी धुप छाव का का खेल हो गयी
जिसमे कभी जीत और हार का मेल हो गयी
बारिशो के पानी ने दिल को दिया सकून
किसी खेत में फसलों की शुरुआत होगी
और रास्तों ने सिखाया की मुश्किले हो
उॅचे नीचे हो या समतल मंजिलो की तलाश कभी तो पूरी होगी
ज़िंदगी धुप छाव का का खेल हो गयी
जिसमे कभी जीत और हार का मेल हो गयी
जो प्यार से मिला दोस्ती की शुरुआत हो
और जो दुशमन बने उनसे नई जंग और चुनौतियों का सामना करने सीख मिल गयी
ज़िंदगी धुप छाव का का खेल हो गयी
जिसमे कभी जीत और हार का मेल हो गयी
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